दुनिया की हर चीज प्यार बिना अधूरी हैं
बुलंदी की हर ख़ुशी माँ बिना अधूरी हैं.
हर एक कदम, हर एक सांस
जिन्दा होने का अहसास दिलाती है,
माँ की एक छोटीसी बात भी
कमजोरों में जान फूंक देती हैं.
माँ ने एक नजर देखा भी तो
सारे गम मिट जाते हैं ,
माँ ने फेरा हाथ सरपे तो
सारे जख्मों पे मरहम लग जाते हैं .
कभी भूकी कभी प्यासी रहके
उसने हमें संभाला हैं,
कभी चुपके कभी मुस्कुराके
माँ ने हमको पाला हैं.
अगर माँ न होती तो मैं भी न होता
आज मै भी उसके लिए बच्चा हूँ ,
जिन्दगी के कसौटी पे
उसीके सहारे मैं खड़ा सच्चा हूँ .
शनिवार, 25 सितंबर 2010
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