सोमवार, 26 जुलाई 2021

इक बार तुझे देखा है.....

 




कुछ देर पहले रेडिओ पर इक गीत सुना
खुलके बिखरे जो महकते गेसु
घुल गई जैसे हवा में ख़ुशबू
मेरी हर साँस तो महकाते हुए
ख़ुद पे इतराते हुए, ख़ुद से शर्माते हुए
एक बार तुझे देखा है ...
एक बेहतरीन गाना... सुनने मे काफी अच्छा लगता है। इस के कई मायने हैं। कारण भी हैं। नक्ष लायलपुरीजी ने काफी बढिया लिखा है। खय्याम साहब का संगीत बेहद खुबसुरत है। किशोर कुमार और लता जीने इस गीत के हर शब्द को उंचाई पर पहुंचाया है। राजेश खन्ना, जयाप्रदाजी पर फिल्माया यह गीत है। हर प्रेमी अपने प्रेमी को कुछ न कुछ अलग अंदाज मे कहना चाहता है। कईयों को शब्द नही मिलते तो कईयों को कहना नही आता। इस प्यार भरे गीतने उन सभी प्रेमियों को कहने का साहस दिलाया है। नक्ष लायलपुरी जी अपने प्यार भरे अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं। खय्याम साहब का संगीत तो अलग ही है। खुबसुरत राजेश खन्ना जी और जयाप्रदा जी ने इसे चार चाँद लगा दिये है।
प्रेम इक मधुरतम भावना है। उसे परिभाषित करना उचित नहीं। जिस तरह बहती हवा को या फूलों की खुशबु को हम देख नहीं सकते जबकि उसे अनुभव कर सकते हैं। वैसा ही प्यार है। प्रेम अनंत है। आप जितने निकटतम जायेंगे उतना अधिक सुंदर अनुभव आप कर सकते हैं। प्रेम की बात हर कोई कर सकता है, लेकिन पर इसकी समझ कोई विरले को ही हो सकती है।
ये गीत उसी कडी मे प्यार की परिभाषा को चित्रित करता है। इसका संगीत इस भाषा एक सूत्र मे बांधता है। इसी लिये ये गीत अधिक लोकप्रिय हुआ। आज ये गीत सुनते हुये प्यार की अनुभुती हुई।