बुधवार, 2 सितंबर 2009

गणपति बाप्पा मोरया

जैसे के मैंने कल बताया था की ये जिंदगी कुछ अलग किस्म का रसायन हैं कभी हस्ता खिलता गुलाब हैं तो कभी काँटों भरा फूल। आज श्री गणेश जी का विसर्जन हो रहा हैं तो लगता हैं कुछ एक हिस्सा खो रहें हैं हम। श्री गणेश जी कब आयें और कब जा रहें ये पता ही नही चला। गणेश जी की धूम ने स्वाईन फ्लू के डर को थोड़ा कम तो कर दिया लेकिन आज के दिन गणपति बाप्पा के छोड़ जाने का गम भी बहुत हैं।
आज के दिन एक और बुरी ख़बर ने दिल दहला दिया वो थी आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाया आर एस राजशेखर रेड्डी जी की मौत की ख़बर। एक बहुत ही कामयाब, हरदिल अजीज व्यक्ति थे वोह। आन्ध्र प्रदेश को आगे ले जाने में उनकी बड़ी भूमिका थी। उनके साथ और चार लोगों की दर्दनाक हादसे में हुई मौत का बड़ा अफ़सोस हुआ। भगवन उनकी आत्मा को शान्ति दे और उनके परिवार को ये हादसे से उभरने की ताक़त दे।
आज का दिन बहूत उम्मीद भरा हैं। पीछलें दो दिनों से लगातार बारिश हो रहीं हैं, ये एक अच्छी ख़बर हैं खास कर किसानों के लिए, जिससे उनकी उम्मीद और बढेगी और ये आशा भी हैं के महंगाई थोडीसी कम होगी यही आशा हैं आज के दिन। धन्यवाद्.

स्वागत हैं आप का

दोस्तों आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही हैं। ब्लॉग एक माध्यम हैं ऐसे लोगों से जुड़ने का जिनके साथ रूबरू होने के अलावा उन लोगों से मिलने का अनुभव होता जिनसे हम सीधे तौर पे जुड़े नही। कई दिनों से ये चाहत थी की अपना भी एक ब्लॉग हो, जैसे लोगों की एक इच्छा होती है की अपना भी एक घर हो। कुछ दिनों पहले मुंबई में प्रोफ़ेसर अनीता जी के सेमिनार में शामिल कोने का अनुभव हां। उस वक्त मुझे भी लगा के अपना वो पुराना ब्लॉग वाला सपना पुरा करने का वोह वक्त आ गया है। पत्रकारिता के इस भीड़ और हर समय बिजी रहने की आदत ने मुझे वक्त ही नही मिला था लेकिन अब कुछ वक्त जरूर मिला और मैं ये ब्लॉग लिखने के लिए तैयार हो गया।

हाँ तो मैं बता रहा था के उस सेमिनार में मुझे काफी पिछडेपन का अहसास हो रहा था, अपना ब्लॉग बनने के लिए। अनिताजी भी मुजे बहूत बार कहा था के मैं अपना ब्लॉग शुरू करूँ। ब्लॉग के जरिये अपने दिल की बात कह सकूं। वैसे भी पत्रकार हर रोज लिखते रहते हैं लेकिन अपने पेपर के लिए। उसमे लोगों को क्या चाहिए उस हिसाब से ही लिख सकते हैं। उसमे अपने बारे में नही बता सकते। सो ये अच्छा जरिए हैं अपनी दिल की बात कही कही जाए।

इस ब्लॉग पे आने के बाद आशा हैं के बहूत ऐसे लोगों से मिल लूँ जो इस ब्लॉग के बारे में गुरु बन सकते हैं और हमें और मदद मिल सकती हैं। पहली बार लिख रहा हूँ तो बहूत कुछ कहने की ईच्छा हो रही हैं। लेकिन सोचता हूँ कुछ देर के लिए रुक जाऊं और अपने काम पुरे होने के बाद इसमे जी जान से जुट जाऊं। आशा हैं आप इसमे मुजे और मदद दे उसके साथ मेरी हौसला अफजाई करें।

धन्यवाद् और शुक्रिया.