शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

बादल

बदली हुयी रुतों के साथ
सतरंगी बादल दिखतें है

कुछ काले बादल
अनगिनत दुखों के
कुछ छटे बादल
रुकी हुयी जिन्दगी के.

बादल जो गरजते हैं
माँ से बिछड़ते हुए बच्चों की तरह,
बादल जो साफ़ हैं
दीखते हैं आईने की तरह.

उजले, नीले, गहरे न जाने कितने
बादलों के रूप नजर आते है
धुंदलाये हुए फिजाओं के तरह
जीवन को दर्शाते है.

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