रविवार, 15 फ़रवरी 2015

क्यो अच्छी लगती हो

तुम तब्बु के फ़ैन हो क्या, मैने उससे पुछा,
उसके ओर्कुट प्रोफाईल पे तब्बु का फोटो देखकर मै उससे जी चाट पर बाते कर रहा था
उसने कहा, हां
मैने कहा, क्यु
उसने कहा, ऐसेही मुझे अच्छा लगा इसीलिये
तुम्हे क्यू पसंद है वो, उसने पुछा
अब क्या जवाब दु ,सुझ नही रहा था.
मैने कहा अच्छी लगती है. लंबी है, खुबसूरत है.
उसने कहा, ओह ऐसा है
मैने कहा हा, मुझे अच्छी लगती है
उससे जी चाट पर बाते करते समय ऐसा लग रहा था मानो मै तब्बु से बाते कर रहा हुं.
मै ऎसी बातो का कायल नही था लेकिन मुझे अच्छा लग रहा था. न जाने क्युं मै अपने आपको उसके आगे समर्पित कर रहा था. बहाना तब्बु का था लेकिन मै उसे उस रुप में देख रहा था. अच्छा लग रहा था उससे बाते करते वक्त. ठंड भी थी लेकिन एक अजब कि कशिश थी उन बातो में.


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